गुरुवार, 15 मई 2008

ज्योतिष विद्या

ज्योतिष एक विज्ञान है। मैं तो इसे पोंगापंथ मानता था । परन्तु, हाल ही में जब मैंने उत्सुकतावश ज्योतिष की कुछ किताबें पढीं तो मुझे लगा कि मैं ग़लत था । ज्योतिष एक क्रमबद्ध विज्ञान है । और विशेषकर इसका गणित भाग तो पूर्णतया वैज्ञानिक है ।

ज्योतिष वेद का एक अंग है । यह वेदों के छः अंगों में से एक अंग है । वेदों के छः अंग हैं - कल्प, शिक्षा, निरुक्त, व्याकरण, छंद और ज्योतिष । ज्योतिष को वेदों का नेत्र माना जाता है, क्योंकि यह न केवल भूत बल्कि भविष्य के बारे में भी संकेत देता है ।

ज्योतिष संबधी चर्चा जो मैंने शुरू की है वह जारी रहेगी.......

गोपाल

3 टिप्‍पणियां:

हरिमोहन सिंह ने कहा…

बेसब्री से इन्‍तजार है

अमिताभ ने कहा…

jyotish vigyan hai mera bhii yahi mat hai ...aap jyotish ko vaigyanik dhang se prastut kare . aapki nayi posto ki pratiksha hai ...shubhkamnaye!!

शोभा ने कहा…

गोपाल भाई
ज्योतिष सच में गणित पर आधारित विग्यान है।